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madhya pradesh state anthem || मध्यप्रदेश गान

                 मध्यप्रदेश गान   सुख का दाता , सब का साथी , शुभ का यह संदेश है ,  माँ की गोद , पिता का आश्रय , मेरा मध्यप्रदेश है ।    विंध्याचल सा भाल , नर्मदा का जल जिसके पास है ,     यहाँ ताप्ती और बेतवा का पावन इतिहास है ।    उर्वर भूमि , सघन वन , रत्न सम्पदा जहाँ अशेष है ,      स्वर- सौरभ - सुषमा से मंडित , मेरा मध्यप्रदेश है । सुख का दाता , सब का साथी , शुभ का यह संदेश है , माँ की गोद , पिता का आश्रय , मेरा मध्यप्रदेश है ।   क्षिप्रा में अमृत घट छलका , मिला कृष्ण को ज्ञान यहाँ   महाकाल को तिलक लगाने , मिला हमें वरदान यहाँ ।  कविता , न्याय , वीरता , गायन , सब कुछ यहाँ विशेष    है , हृदय देश का यह , मैं इसका , मेरा मध्यप्रदेश है ।  सुख का दाता , सब का साथी , शुभ का यह संदेश है , माँ की गोद , पिता का आश्रय , मेरा मध्यप्रदेश है ।   चंबल की कल-कल से गुंजित,कथा तान ,बलिदान की    खजुराहो में कथा कला की , चित्रकूट में ...

राष्ट्र - गीत || National song of India

              राष्ट्र - गीत             वन्दे मातरम् , वन्दे मातरम् ।          सुजलाम् सुफलाम् मलयज शीतलाम् ।          शस्य श्यामलाम् मातरम् । वन्दे मातरम् । । .        शुभ्रज्योत्स्नाम् पुलकित यामिनीम् ।           फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम् ॥          सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम् ।          सुखदाम् वरदाम् मातरम् । वन्दे मातरम् । हिन्दी अनुवाद -                        हम अपनी मातृभूमि की वंदना करते हैं हमारी मातृभूमि शीतल जल और स्वादिष्ट फलों से सम्पन्न है । हमारी मातृभूमि चन्दन के समान शीतलता प्रदान करने वाली है एवं यह अपनी फसलों एवं वनस्पतियों से हरीभरी है । इस वन्दनीय धरती की रात्रि स्वच्छ चाँदनी में विहँसती है तथा खिले हुए पुष्पों एवं लताओं से सुशोभित होकर प्रसन्न हैं ऐसा प्रतीत होता है ...

झलकारी बाई || biography of jhalkari Bai

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        झलकारी बाई  जो लोग आज महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं उन्हें एक बार अपने देश का इतिहास उठा लेना चाहिए जिसमें महिलाओं ने अपने साहस वीरता का जौहर दिखाया है उनमें से एक कि आज मैं आपको गाथा बताने जा रहा हूं  जिसने अपने वीरोचित कार्यों से पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया  । झलकारी बाई का जन्म 22 नवम्बर , 1830 को ग्राम भोजला ( झांसी , उ . प्र . ) में हुआ था ।  उनके पिता मूलचन्द्र जी सेना में काम करते थे । इस कारण घर के वातावरण में शौर्य और देशभक्ति की भावना का प्रभाव था । घर में प्रायः सेना द्वारा लड़े गये युद्ध , सैन्य व्यूह और विजयों की चर्चा होती थी । मूलचन्द्र जी ने बचपन से ही झलकारी को अस्त्र - शस्त्रों का संचालन सिखाया । इसके साथ ही पेड़ों पर चढ़ने नदियों में तैरने और ऊँचाई से छलांग लगाने जैसे कार्यों में भी झलकारी पारंगत हो गयी । एक बार झलकारी जंगल से लकड़ी काट कर ला रही थी तो उसका सामना एक खूखार चीते से हो गया । झलकारी ने कटार के एक वार से चीते का काम तमाम कर दिया और उसकी लाश कन्धे पर लादकर ले आयी । ऐसी वीरोचित घटनाओं से झ...

तानाजी मालुसरे || Tanhaji the unsung warrior

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         वीर मराठा तानाजीराव मालुसरे (जन्म सन्1600 सतारा - मृत्यु सन्1670 सिंहगढ) वैसे तो भारत भूमि पर अनेक वीर पैदा हुए जिन्होंने अपने वीरता से इतिहास रच दिया पर आज हम एक ऐसे  वीर की गाथा सुनाने जा रहे हैं जिसका साहस और पराक्रम इतिहास मैं उसे एक विशिष्ट स्थान प्रदान करता है जिसने हिंदू साम्राज्य के  खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए वीर तानाजी मालुसरे  तानाजी छत्रपति शिवाजी महाराज की घनिष्ठ मित्र थे व वीर निष्ठावान मराठा सरदार थे वे छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ  हिंदू स्वराज्य की स्थापना के लिए किल्लेदार की भूमिका निभाते थे तानाजी छत्रपति के बचपन के मित्र थे  हालांकि  तानाजी  शिवाजी  से  उम्र में  बड़े थे वे साथ में युद्ध का अभ्यास करते व  युद्ध की रणनीतियां बनाते  थे छत्रपति तानाजी के पराक्रम को देखकर उन को सिंह की उपाधि दिया करते थे  सन् 1670 मैं   सिंहगढ़ की लड़ाई में जो उन्होंने अपनी वीरता का जौहर दिखाया उसके लिए भी तानाजी बहुत प्रसिद्ध है...

इतिहास के 10 प्रमुख राजनैतिक व्यक्ति part -1

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अरस्तु (384 ईसा पूर्व- 322 ईसा पूर्व)       अरस्तु एथेंस  के यूनानी दार्शनिक विद्वान थे अरस्तु ने जीव विज्ञान के बारे में कई नई बातों की जानकारी दी इन्हें जंतु विज्ञान का पिता भी कहा जाता है अरस्तु ने कहा था कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है उन्हें राजनीति विज्ञान का जनक विश्व का प्रथम राजनीतिक वैज्ञानिक भी कहा जाता है उन्होंने विश्व की 158 संविधान का अध्ययन किया तथा सरकारों का सर्वप्रथम व्यवस्थित वर्गीकरण दिया  एडम स्मिथ  (1773 -1790ई)                                            18 वीं सदी का एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री था विश्व का पहला अर्थशास्त्री था जिसने  अर्थशास्त्र को आधुनिक रूप से प्रस्तुत किया स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है 1776 में उसने वेल्थ ऑफ नेशन नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की एडम स्मिथ ने  उन्मुख  व्यापार    का सिद्धांत दिया इन्हाेने एन इंक्वायरी टू द ...

biography of Rani Lakshmi Bai || रानी लक्ष्मी बाई की जीवनी

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                  रानीलक्ष्मीबाई    " - जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी , यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी , होवे चुप इतिहास , लगे सच्चाई को चाहे फाँसी , हो मदमाती विजय , मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी । तेरा स्मारक तू ही होगी , तू खुद अमिट निशानी थी , बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी , खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी । ।               (सुभद्राकुमारी चौहान)   रानी लक्ष्मीबाई  ( जन्म : 19 नवम्बर 1828 - मृत्युः 18 जून 1858 )  मराठा शासित झाँसीराज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना थीं । उन्होंने सिर्फ़ 23 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से जद्दोजहद की और रणभूमि में उनकी मौत हुई थी । जीवनी जन्म             लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी ज़िले के भदैनी नामक शहर में 19 नवम्बर 1828 को हुआ था । उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा ...

biography of Lala Lajpat Rai in hindi || लाला लाजपत राय की जीवनी

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                       लाला लाजपत राय              ( जन्म: जनवरी 1865 - मृत्यु: 17 नवम्बर 1928)  जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है  इनका जन्म 28 जनवरी 1865 को दुधिके गाँव में (मोगा जिला, पंजाब) में हुआ था. लाला लाजपत राय एक क्रांतिकारी थे वे भारत को आजाद देखना चाहते थे| सन् 1870 से 1880 के बीच में, जहा उनके पिता एक उर्दू शिक्षक थे| तभी राय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रेवारी जो पहले पंजाब, और अभी हरयाणा का क्षेत्र है वहां के सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल से प्राप्त की. राय हिंदुत्वता से बहुत प्रेरित थे, और इसी वजह से उन्होंने राजनीती में हाथ अजमाने की सोची. जब वे लाहौर में कानून की विद्या ग्रहण कर रहे थे तभी से वे हिंदुत्वता का अभ्यास भी करते रहते थे जिसकी वजह से उनको इस बात पर बहुत विश्वास था की हिंदुत्वता ये राष्ट्र से भी बढ़कर है.  लाला लाजपत राय वकालत का कार्य करते थे । परंतु पराधीन भारत का दर्द उन्हें हमेशा कच...